दोस्तों आज इस ब्लॉग मैं आपको बताने जा रही हूं Pearl Farming के बारे में| पहली बार जब मैंने सुना कि मोती की खेती होती है तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ, हमने इसके बारे में बहुत सारी जानकारी इकट्ठा किया|
आजकल मोती की खेती (Pearl Farming) बड़े पैमाने पर की जा रही है| अगर कुछ सावधानियां बरतें तो मोती की खेती का काम मुश्किल नहीं है| हां इस खेती को शुरू करने से पहले ट्रेनिंग लेना जरूरी होता है| इसे आप अपने घर के छत या घर के किसी भी कोने में बहुत ही कम जगह में शुरू किया जा सकता है|
इसकी ट्रेनिंग के लिए CIFA (Central Institutes of Fresh Water Aquaculture) भुवनेश्वर से कांटेक्ट कर सकते हैं| हालांकि वहां पर ट्रेनिंग के लिए सीट लिमिटेड होती हैं और ट्रेनिंग लेने वाले लोग ज्यादा होते हैं तो वहां से ट्रेनिंग लेने के लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा|
वैसे अब इसके अलावा भी कई ट्रेनिंग सेंटर उपलब्ध है तो आप वहां से ट्रेनिंग लेकर के मोती की खेती (Pearl Farming) शुरू कर सकते हैं| मोती एक natural gems है|
जो हमें सीप से मिलता है| पहले इसे समुद्र से निकाला जाता था लेकिन CIFA ने ये technology विकसित कर लिया है कि आप सीप से सीमेंट के टैंक में या तालाब में मोती का प्रोडक्शन कर सकते हैं|
मोती की खेती के लिए ट्रेनिंग बहुत जरुरी है| इसके ट्रेनिंग में ये बताया जाता है- सीप कहाँ से लेते हैं? सर्जरी कैसे करते हैं? पानी का मेंटेनेंस कैसे करते हैं? तापमान का नियंत्रण कैसे करते हैं? उसके लिए खाना क्या देंना हैं?
पानी कब डालना है? कितना पानी डालना है? सीप को ऑक्सीजन के लिए क्या इंतजाम करना हैं? सीप की सर्जरी के लिए कौन कौन से इक्विपमेंट की जरुरत पड़ती हैं? मोती की खेती में क्या रखरखाव की जरुरत पड़ती है? ये सारी बाते ट्रेनिंग में बताई जाती है|
मोती की खेती के लिए कोई योग्यता की जरुरत नहीं होती है| मोती की खेती में बहुत ज्यादा समय या बहुत ज्यादा देखभाल की जरुरत नहीं पड़ती है तो आप अगर स्टूडेंट हैं या किसान हैं या नौकरी में हैं आप पार्ट टाइम में मोती की खेती शुरू कर कम लागत में अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं|
वैसे तो मोती की खेती आप कभी भी शुरू कर सकते है लेकिन इसकी खेती के लिए सबसे अनुकूल समय अक्टूबर से दिसंबर तक का माना जाता है। क्योंकि इस समय मौसम ठंडा हो जाता है तो आप आसानी से सर्जरी कर सकते हैं|
आप मोती की खेती कम से कम 10×10 फीट जगह में सीमेंट की टैंक में भी शुरू कर सकते हैं| इसके अलावा कच्चा तालाब या पक्का तालाब बनाकर भी मोती की खेती कर सकते हैं| मोती की डिमांड मार्केट में बहुत ज्यादा है|
सबसे ज्यादा डिमांड डिजाइनर मोती की है जिसमें लक्ष्मी-गणेश, दुर्गा, बुद्ध एवं ओम कई तरह की मूर्तियाँ बनाई जाती है इसके बाद हाफ राउंड मोती की भी मार्केट में ज्यादा डिमांड होती है| दुसरे देशो में सबसे ज्यादा डिमांड गोल मोती की है इसकी कीमत साइज़ और कैरेट के हिसाब से तय की जाती है|
इसके उत्पादन में ज्यादा समय लगता है तो लोग इसकी वनिस्पत डिजाइनर मोती की खेती ज्यादा करते हैं|
मोती की खेती आप 1000 सीप से शुरू कर सकते है। इसकी खेती शुरू करने के लिए सीपों को इकट्ठा करना होता है| ये प्रायः हमारे आस पास के बड़ी छोटी नदियों एवं तालाब में पाया जाता है| आप इन्हें मछुआरों से खरीद सकते हैं|
मोती की खेती के लिए हमें 8 सेंटीमीटर की सीप खरीदनी होती हैं| इसकी कीमत 5 रुपए से 15 रुपए तक होती है| सीप की कीमत जगह एवं समय के हिसाब से भिन्न भिन्न हो सकती है|
अब इन सीपों को तालाबों में डाल दिया जाता है। सबसे पहले इसको 10 से 15 दिन तक हमारे पानी के अनुसार ढालने के लिए पानी के अंदर रखा जाता हैं| इसको जो खाना दिया जाता है वह हमारे घर में ही उपलब्ध होता है|
10 से 15 दिनों के बाद इसकी सर्जरी कर हमलोग इसमें nucleus को डालते हैं| इसके बाद इन्हें नायलॉन बैगों में रखकर (दो सीप प्रति बैग) बांस या पीवीसी पाइप के सहारे लटका दिया जाता है और तालाब में करीब करीब एक मीटर की गहराई पर छोड़ दिया जाता है।
उसके बाद तालाब में 5 से 6 फीट तक पानी भर दिया जाता है| सीप से निकलने वाला पदार्थ nucleus के चारों ओर जमने लगता है और इस तरह हम डिज़ाइनर मोती, हाफ राउंड मोती एवं गोल मोती का उत्पादन करते हैं|
इसके लिए हमें प्रतिदिन कम से कम 1 घंटे समय देना चाहिए और हमे क्या चेक करना चाहिए?
जब आप मोती की खेती शुरू करते हैं तो कुछ इन्वेस्टमेंट एक बार होता हैं जैसे सीमेंट का टैंक या तालाब बनवाने का खर्चा, शेड बनाने का खर्च, ग्रीन नेट का खर्च( इसका इस्तेमाल हम तापमान के नियंत्रण के लिए करते हैं), जाल (सीप को टांगने के लिए), लैब इक्विपमेंट का खर्च आदि|
कुछ चीजें जिसे हमें बार बार खरीदना पड़ता है जैसे सीप, Nucleus एवं दवाएं| अगर हम 1000 सीप से शुरुआत करते हैं तो इन सभी में लगभग 30 से 40 हज़ार का खर्च आता है जो one time investment होता है|
इतना इन्वेस्ट करने के बाद 12 से 14 महीने के बाद डिज़ाइनर मोती एवं हाफ राउंड मोती तैयार होता है तथा गोल मोती 24 से 30 महीने में तैयार होता है|
12 से 14 महीने के बाद एक सीप से 2 डिजायनर मोती या हाफ राउंड मोती तैयार होता है, जिसकी बाजार में कीमत 200 रुपए से 1500 रुपए तक मिल जाती है। मोती की कीमत मोती की क्वालिटी पर निर्भर करता है|
अगर मोती की क्वालिटी अच्छी होती है तो इससे भी अच्छी कीमत मिल सकती है| 24 से 30 महीने में गोल मोती तैयार होती है, इसकी बाजार में कीमत 500 रुपये से 50000 रुपये या उससे ज्यादा भी हो सकती है| तो अगर आप 1000 सीप से शुरू करते है तो सालाना 1 से 1.5 लाख रुपए कमा सकते हैं|
मोती बेचने के लिए आप अपने आस पास के jewelers से संपर्क कर सकते हैं| बड़े शहरों जैसे की दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, सूरत, अहमदाबाद आदि में मोती के हजारों व्यापारी मोतियों का कारोबार करते हैं, तो इन व्यापारियो को मोती बेच सकते है|
शुरू शुरू में आपको इन लोगो से संपर्क करना पड़ेगा लेकिन अगर आपकी मोती की क्वालिटी अच्छी होगी तो बाद में ये आपको खुद संपर्क करेंगे| इसके अलावा आप अपनी वेबसाइट बनवाकर भी मोती बेच सकते हैं|
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