कील का उपयोग फर्नीचर बनाने के काम तथा घर बनाने के काम में बहुत ज्यादा मात्रा में किया जाता है। तो आप Wire Nails Manufacturing Business कर आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं| इसके अलावे बहुत सारे पदार्थ की पैकेजिंग करने के लिए बॉक्स बनाने के काम में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग चाहे गांव हो या शहर हो सभी घर में किया जाता है। खास तौर पर (बढ़ई) कारपेंटर का काम इसके बिना नहीं चल सकता है।
कील का बिजनेस शुरू करने से पहले मार्केट सर्वे करना बहुत जरूरी है । वैसे तो कील की डिमांड मार्केट में हर जगह होती है क्योंकि हमारे यहां मकान बनाने का काम सालो भर चलता रहता है| इस काम में कील का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। लेकिन फिर भी यह ध्यान रखें की आप जिस एरिया में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने जा रहे हैं वहां इसकी कितनी डिमांड है? पहले से वहां और कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है या नहीं? कहने का मतलब यह है कि आप अगर कील बनाने का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोलते हैं तो आप कितना माल का प्रोडक्शन करेंगे? आप का प्रोडक्ट बिकेगा कि नहीं? आपके एरिया में कील के कितने होलसेलर हैं जिन्हें आप कील सप्लाई करेंगे? आपके 5 से 10 किलोमीटर के रेंज में कितने हार्डवेयर की दुकान हैं जिन्हें आप अपना प्रोडक्ट सप्लाई कर सकते हैं ? मार्केट में कील का होलसेल रेट क्या है तथा रिटेल में क्या रेट है? आप अगर मैनुफैक्चरिंग करते हैं तो किस दाम में बेचेंगे ताकि आपको मुनाफा हो। आप प्रतिदिन कितना प्रोडक्शन करेंगे तथा उसे कहां-कहां सप्लाई करेंगे? दोस्तों अपना मैनुफैक्चरिंग यूनिट खोलने से पहले एक रफ Idea बना लें तो बिजनेस शुरू करने में बहुत सारे मुश्किल आसान हो जाएगी तथा आप एक सिस्टेमेटिक रूप से काम कर पाएंगे।
कील बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको 450 से 900 स्क्वायर फुट जगह की जरूरत पड़ेगी। इसमें तीन मशीन को रखने तथा कच्चा माल का स्टॉक रखने के लिए जगह चाहिए। इसके बाद तैयार कील को पैक करने एवं स्टोर करने की जरूरत होती है।
कील बनाने के लिए रॉ मटेरियल के रूप में तार के बंडल का इस्तेमाल किया जाता है। मार्केट में दो – तीन तरह के तार उपलब्ध हैं जैसे- HB वायर, माइल्ड स्टील वायर इत्यादि। आपको पता लगाना होगा की आपके आसपास की मार्केट में किस तरह के कील कि ज्यादा डिमांड है? लोहे के कील की या स्टील के कील की| मार्केट एक्सपर्ट की सलाह मानें तो सभी तरह के कील का प्रोडक्शन करना चाहिए ताकि मार्केट में किसी भी तरह की डिमांड को पूरा कर सकें। इसके अलावा कील को पॉलिश करने के लिए लकड़ी के बुरादा का इस्तेमाल किया जाता है आप इसे लकड़ी के फैक्ट्री से आसानी से खरीद सकते हैं।
कील बनाने के लिए जो रॉ मैटेरियल्स का उपयोग होता है उसका उत्पादन दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) तथा रायपुर (छत्तीसगढ़) एवं झारखंड में बड़े पैमाने पर किया जाता है| तो आप वहां से थोक मात्रा में तार के बंडल मंगवा कर अपना मैनुफैक्चरिंग शुरू कर सकते हैं| नेल्स वायर के मैन्युफैक्चरर या डीलर को सर्च करने के लिए आप www.Indiamart.com पर विजिट कर सकते हैं या Google में सर्च करें| आपके आसपास भी बहुत सारे डीलर मिल सकते हैं जहाँ से आपको आसानी से रॉ मटेरियल उपलब्ध हो सकता है।
कील बनाने के लिए जो तार का बंडल उपयोग में लाया जाता है वह मार्केट में करीब करीब ₹35,000 से ₹45,000 प्रति टन के हिसाब से उपलब्ध है|
कील बनाने के लिए 3 मशीनों की जरूरत पड़ती है –
मार्केट में कील बनाने की बहुत तरह की मशीन उपलब्ध है| आप उत्पादन की क्षमता के हिसाब से मशीन खरीद सकते हैं। इसकी मशीन नंबर के हिसाब से उपलब्ध होती है। जैसे अगर आप 3 नंबर की मशीन खरीदते हैं तो आप उसमें ½ इंच से 3 इंच के कील का उत्पादन कर सकते हैं। इसी तरह चार नंबर का मशीन खरीदते हैं तो ½ इंच से 4 इंच तक के कील का निर्माण कर सकते हैं|
कील बनाने की मशीन उत्पादन की क्षमता के हिसाब से भी उपलब्ध है। अगर आप ज्यादा उत्पादन वाली मशीन खरीदते हैं तो उसके लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी| तो आप अपने जरूरत एवं बजट के हिसाब से मशीन का चुनाव कर सकते हैं।
कील बनाने की मशीन दिल्ली, गाजियाबाद, चंडीगढ़, अमृतसर, बरेली आदि शहरों से आसानी से खरीद सकते हैं| इन शहरों में मशीन मैनुफैक्चरर्स एवं डीलर की जानकारी के लिए आप www.Indiamart.com पर सर्च करें।
हमारी सलाह मानें तो मशीन खरीदने के लिए चार से पांच मशीन मैन्यूफैक्चर के यहां घूमे, उनके फैक्ट्री में जाकर देखें कि वह actual में मशीन मैन्यूफैक्चरर हैं भी या नहीं। कोशिश करनी चाहिए कि मशीन ट्रेडर्स से न खरीद कर सीधा मैन्युफैक्चरर से खरीदें| मशीन मैन्यूफैक्चर आपको ज्यादा सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं। जो ट्रेडर्स होते हैं वह मशीन मैन्यूफैक्चर से मशीन खरीद कर देते हैं तो वे अपना कमीशन जोड़कर मशीन बेचते हैं। सीधा मैन्यूफैक्चर से मशीन लेने पर आपको कम कीमत पर मशीन मिल सकती है। आपके आसपास कोई मशीन मैन्यूफैक्चर नहीं हो तो आप ऑनलाइन सर्च कर अपने लिए बेस्ट डील ढूंढ सकते हैं।
कील बनाने की मशीन स्वचालित होती है। तार के बंडल को मशीन के पास लगा देते हैं तथा तार को नेल मेकिंग मशीन से जोड़ देते हैं| मशीन को चलाते हैं तो तार अपने आप मशीन में जाता रहता है और कील का निर्माण होता रहता है।
मशीन को शुरू करने से पहले आपको सेट करना पड़ेगा कि आप कितने इंच का कील बनाना चाहते हैं| सेट करने के बाद उतने इंच का उत्पादन स्वचालित होता रहता है| इस मशीन से 1 मिनट में करीब करीब 300 कील का उत्पादन होता है| इस तरह से एक दिन में 600 किलो से ज्यादा उत्पादन होता है |
कील को जंग से बचाने एवं फिनिशिंग के लिए पॉलिश किया जाता है । पॉलिशिंग करने के लिए लकड़ी के बुरादे का इस्तेमाल किया जाता है।
कील बनाने के बाद आप इसे पैकेट में पैक करके मार्केट में सप्लाई कर सकते हैं| होलसेल में सप्लाई करने के लिए आप 50 किलोग्राम का पैक बना सकते हैं तथा रिटेलर को सप्लाई करने के लिए 5 किलोग्राम या 10 किलोग्राम का पैकेट बनाकर हार्डवेयर की दुकानों पर सप्लाई कर सकते हैं।
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए 5 लाख से 10 लाख रुपए की जरूरत पड़ती है। इसके लिए जो मशीन उपयोग की जाती है उसकी कीमत 2.50 लाख से शुरू होती है तथा तार ₹35 किलो मिलता है।
प्रोडक्शन शुरू करने के लिए फैक्ट्री बनाना, मशीन खरीदना, तार का बंडल खरीदना, बिजली का कनेक्शन लेना, रॉ मैटेरियल्स का इंतजाम करना, लेबर का इंतजाम करना इन सभी चीजों को मिलाकर ₹6,00,000 से ₹8,00,000 लग सकता हैं| इसके अलावा बैकअप के लिए ₹2,00,000 हमेशा होना चाहिए| कुल मिलाकर आपको ₹8,00,000 से ₹10,00,000 रुपए का इंतजाम करना पड़ेगा।
कील बनाने की मशीन से 1 मिनट में 300 कील बनता है| इस तरह से अगर आप 8 घंटे मशीन चलाते हैं तो 600 किलो से ज्यादा कील का उत्पादन होता है| अगर हम 600 किलोग्राम भी मानकर चलें तो 1 किलो वायर ₹35 का आता है| 2 रुपए मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट आता है जिसमें बिजली+लेबर+मशीन का मेंटेनेंस कॉस्ट होता है|
1 किलो वायर की कीमत – ₹35
1 किलो कील बनाने में मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट – ₹2
टोटल मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट = ₹35+ ₹2 = ₹37 प्रति किलोग्राम
होलसेल सेलिंग प्राइस ₹42 प्रति किलोग्राम
प्रॉफिट(लाभ) = ₹42 – ₹37 = ₹5 प्रति किलोग्राम
600 किलो का प्रोडक्शन 1 दिन में होता है तो
1 दिन का प्रॉफिट =600 x ₹5 = ₹ 3000 प्रतिदिन
30 दिन का प्रॉफिट= ₹3000x 30 = ₹90,000 हर महीने
इस तरह से आप महीने में ₹90,000 कमा सकते हैं।
आप कील की मार्केटिंग के लिए हार्ड वेयर होलसेलर से संपर्क कर सकते हैं| अपने आसपास 5 से 10 किलोमीटर की दूरी में जितने भी हार्डवेयर की दुकान है उनसे संपर्क कर सकते हैं इसके अलावा indiamart.com, tradeindia.com, एवं justdial.com से बेसिक प्लान या एडवांस प्लान लेकर ज्यादा आर्डर पा सकते हैं।
मार्केटिंग के लिए आप एक आदमी को नियुक्त कर सकते हैं जो हार्डवेयर की दुकान से आर्डर लाकर दे। इस बिज़नस में कोई ब्रांड नहीं होता है तो आप आसानी से अपने प्रोडक्ट को बेच सकते हैं|
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए लाइसेंस के तौर पर आपको कंपनी रजिस्ट्रेशन तथा जीएसटी नंबर लेना पड़ेगा। इसके अलावा आप को लोकल अथॉरिटी से लाइसेंस लेना पड़ेगा|
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